हमारी पारदर्शी और न्यायसंगत धनवापसी प्रक्रिया
घर आंगन फाउंडेशन एक समर्पित गैर-लाभकारी संस्था है जो समाज के वंचित और उपेक्षित वर्गों के सशक्तिकरण हेतु विभिन्न सामाजिक योजनाओं पर कार्य करती है। हम जानते हैं कि हर दानदाता का योगदान केवल आर्थिक नहीं, बल्कि भावनात्मक भी होता है। आपकी आस्था और समर्थन ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है।
इस नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यदि किसी कारणवश कोई दानकर्ता धनवापसी की मांग करता है, तो उसकी प्रक्रिया पारदर्शी, संवेदनशील और न्यायसंगत ढंग से हो।
सभी दान पूरी तरह से स्वैच्छिक और गैर-वापसी योग्य (Non-refundable) होते हैं।
1.2. दान का उपयोग केवल सामाजिक कार्यों, परियोजनाओं, और सामुदायिक विकास कार्यक्रमों में किया जाता है।
1.3. दानकर्ता को भुगतान करते समय पूर्ण विवरण (जैसे -- राशि, माध्यम, उद्देश्य आदि) की पुष्टि करनी होती है।
धनवापसी सामान्यतः नहीं की जाती, किंतु निम्नलिखित विशेष परिस्थितियों में विचार किया जा सकता है:
डुप्लीकेट भुगतान (Duplicate Transaction): तकनीकी कारणों से एक ही राशि दो बार कट गई हो।
गलत राशि का भुगतान: दानकर्ता ने अनजाने में गलत राशि दर्ज कर दी हो।
त्रुटिपूर्ण जानकारी: भुगतान विवरण में कोई ऐसी त्रुटि हो जिससे दानकर्ता की मंशा स्पष्ट न हो रही हो।
गलत माध्यम से भुगतान: दानकर्ता ने गलत फंड या योजना में दान भेज दिया हो।
• अनुरोध दान की तिथि से 7 कार्यदिवसों के भीतर किया जाना चाहिए।
• इसके पश्चात् कोई धनवापसी मान्य नहीं होगी।
धनवापसी के लिए नीचे दिए गए विवरणों के साथ लिखित ईमेल भेजें:
refunds@gharaanganfoundation.org
निम्नलिखित स्थितियों में धनवापसी संभव नहीं होगी:
दान की गई राशि का आंशिक या पूर्ण उपयोग किसी परियोजना में हो चुका हो।
7 कार्यदिवस की समयसीमा समाप्त हो चुकी हो।
बिना पर्याप्त प्रमाण या दस्तावेज़ के किया गया अनुरोध।
यदि दान विशेष अभियान/इवेंट/आपातकालीन राहत हेतु था, तो वह गैर-वापसी योग्य होगा।
घर आंगन फाउंडेशन समय-समय पर इस नीति में परिवर्तन करने का अधिकार सुरक्षित रखता है। किसी भी अद्यतन को हमारी वेबसाइट या सार्वजनिक संचार माध्यमों पर प्रकाशित किया जाएगा।
हम आपके विश्वास को जीवन भर निभाने का संकल्प लेते हैं। हर दान, किसी जीवन में उम्मीद जगाता है। अगर आपने गलती से दान किया है, तो हम उसे सही ढंग से सुलझाने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं।
घर आंगन फाउंडेशन -- सेवा से सशक्तिकरण की ओर।